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भगवान कृष्ण की इन लीलाओं को याद कर मनाए जन्माष्टमी का त्यौहार

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माखन चोर के नाम से जाने जाने वाले भगवान कृष्ण ने अपने पूरे जीवन काल में कई ऐसी लीलाएं की हैं, जिसके बारे में सुनकर सभी उनके मुरीद हो जाते हैं। आप भी जानिए कान्हा की इन लीलाओं के बारे में...
krishna janmashtami: कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार हिंदू धर्म के लोगों के लिए बेहद खास है। क्योंकि इस दिन अपरंपार लीलाएं करने वाले भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। उनके जन्म की याद में कृष्ण जन्मोत्सव का पर्व भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मनाया जाता है। कन्हैया के जन्म स्थान मथुरा और वृंदावन में इस पर्व की खास रौनक देखने को मिलती है। माखन चोर के नाम से जाने जाने वाले भगवान कृष्ण ने अपने पूरे जीवन काल में कई ऐसी लीलाएं की हैं, जिसके बारे में सुनकर सभी उनके मुरीद हो जाते हैं। आप भी जानिए कान्हा की इन लीलाओं के बारे में…
1. श्री कृष्ण के जन्म के समय कई चमत्कार हुए। देवकी की आंठवी संतान के द्वारा वध होने की भविष्यवाणी सुनकर कंस ने अपनी बहन  और अपने जीजा वसुदेव को कारगार में डाल दिया था। और एक बाद एक उसकी सारी संतानों का वध करता गया। लेकिन जब देवकी की आंठवी संतान होनी थी तब द्वार पर खड़े पहरेदार मुर्छित हो गये और द्वार स्वत खुल गया। जिस कारण वासुदेव ने अपने आठवें पुत्र को नंद और यशोदा के पास पहुंचाकर उनकी नन्ही बच्ची को लेकर वापस आ गए। जब कंस वहाँ पहुंचा तो वसुदेव और देवकी ने उसे कहा इसे छोड़ दो ये तो लड़की है। पर कंस नहीं माना उर उसने उस बच्ची को जमीन पर पटकना चाहा। पर वो बच्ची जमीन पर नहीं गिरी उसने एक अलग ही रूप धारण कर लिया। और उसकी मृत्यु की सूचना दी।
2. एक बार की बात है देवराज इंद्र ब्रज के लोगों से बहुत क्रोधित हुए क्योंकि लोग भगवान कृष्ण की बातों को सुनकर गोवर्धन पर्वत की पूजा कर रहे थे और इंद्र देव की पूजा नहीं कर रहे थे। क्योंकि गोकुल के लोगों में इन्द्रोत्सव मनाने की परंपरा थी। क्रोधित होकर इंद्र ने उन्हें दंडित करने के लिए घनघोर वर्षा की जिससे वृंदावन में बाढ़ की संभावना उत्पन्न हो जाए। वृंदावन के लोग डर गए और सभी भगवान कृष्ण की शरण में पहुंचे। भगवान कृष्ण ने उसी समय कृष्ण ने पूरे गोवर्धन पर्वत को अपने बाएं हाथ की छोटी उंगली पर एक छतरी की भांति उठा दिया।
3. कृष्ण को गोविंद नाम से जाने जाने के पीछे भी एक कहानी है। एक दिन भगवान कृष्ण से मिलने के लिए स्वर्ग से कामधेनु नामक गाय पहुंची। गाय ने कृष्ण से कहा कि वह देव लोक से उनका अभिषेक करने आई है क्योंकि कृष्ण पृथ्वी पर गायों की रक्षा कर रहे हैं। उस गाय ने कृष्ण को पवित्र जल से नहलाकर उनका शुक्रिया अदा किया। उसी समय भगवान इंद्र वहां प्रस्तुत हुए और उन्होंने श्रीकृष्ण को आशीर्वाद देते हुए कहा कि आपके इन पुण्य कार्यों के लिए पूरे विश्व के लोग आपको गोविंद के नाम से जानेंगे।

4. कृष्ण के हाथों अपने वध की भविष्यवाणी सुनकर भयभीत कंस ने उन्हे मारने के लिए पूतना नाम की रक्षाशनी भेजी। पूतना वृंदावन पहुंची और उसने एक सुंदर महिला का भेस धारण कर श्री कृष्ण का अपहरण कर लिया। और अपने वक्ष पर जहर लगाकर कृष्ण को दूध पिलाने लगी। श्री कृष्‍ण ने पूतना के वक्ष स्‍थल से उसके प्राण ही खींच ल‌िए उस राक्षसी की मृत्यु हो गई।
5. भगवान कृष्ण ने द्रौपदी की लाज बचाने के लिए चमत्कार किया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार द्रौपदी के चीर हरण के समय उनकी साड़ी इतनी लंबी होती चली गई क‌ि दुशासन थक कर बैठ गया था। ऐसा कृष्ण द्वारा किये गए चमत्कार के कारण हुआ था। द्रौपदी और श्री कृष्‍ण की इस लीला को सभा में मौजूद सभी लोगों ने देखा।

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